अदृश्य होने का प्रभावशाली बंगाली मंत्र : प्रयोग करते ही तुरंत होगा आसर

गायब होने का बंगाली  मंत्र


गायब होने का बंगाली  मंत्र


 दोस्तों क्या आप अदृश्य होने का कला सीखना चाहते हैंतो यह विद्या आपके लिए बहुत ही महत्वपूर्ण होने वाले हैं नमस्कार दोस्तों हमारे वेबसाइट में आपका स्वागत है । कुछ वैदिक और तांत्रिक दोस्तों को भी मैंने बताया है सभी का अपना विशेष महत्व है प्रभाव है सभी व्यक्ति अपनी समर्थ के अनुसार अपनी शक्ति के अनुसार अपने कार्य के अनुसार इन मंत्र का प्रयोग कर लाभ उठा सकते हैं। और आज मां काली के जो मंत्र की साधना आप लोगों तक पहुंचा रहा हूं वह शाबर मंत्र की साधना है परंतु इस कली काल में ही साधना को करने का साहस बहुत ही कम लोग दिखा पाते हैं । 


प्रथम तो इस साधना को सुनकर लगता है कि यह कोरी कल्पना है दूसरा यह कठिन और भयावे साधना है इसलिए लोग इसको करने से कतराते हैं क्योंकि यह साधना है अदृश्य होने की साधना । अब अदृश्य होने का नाम सुनकर के ही लोगों को लगेगा यह कोरी कल्पना है । परंतु दोस्तों जब हम कार्य सिद्धि की बात करते हैं रोग निवृत्ति की बात करते हैं या अन्य कोर्ट कचहरी से मुकदमों की राहत की बात करते हैं तब साधनाएं करते हैं उनके मत्रों का जाप करते हैं तो हमें राहत मिलती है हमें लाभ मिलता है । तो यह भी मान लीजिए कि साबर मंत्र की यह साधना जो अदृश्य होने की है या हवा में ही कुछ वस्तु प्राप्त करने की साधना भी होती है यह साधना भी कोरी कल्पना नहीं है इन साधनाओं का उल्लेख पुरानी ग्रंथ  में मिलता है और वह सत्य है । क्योंकि जब आप अन्य साधनाओं से लाभ उठा रहे हैं तो निश्चित मानिए कि यह साधना भी असत्य नहीं है कल्पना नहीं है और यही कारण है कि इस साधना को सफल बनाने के लिए जो मुख्य चीज होते किसी भी साधना को सफल बनाने के लिए वह होता है उस साधना या उस देवता के प्रति दृढ़ विश्वास। 


 जब हमें लगता है कि यह साधना कोई कल्पना हो सकती है ऐसा कुछ हो ही नहीं सकता तो यही साधना के पतन का कारण बन जाता है साधना की असफलता का मार्ग खोल देता है और इसीलिए कहा कि इस साधना को बहुत कम लोग कर पाते हैं । क्योंकि प्रथम सुनते ही इस साधना को लगता है कि यह साधना कैसे हो सकती है । दूसरा यह साधना डरावनी है इस साधना को करने से मन में भय उत्पन्न होता है डरावनी साधना है । और यही कारण है लोग इसको करने से डरते हैं और इसी अविश्वास और भ्रम की स्थिति ही इस साधना को संभव बना देती है इसलिए यदि आप साधना को संपन्न करना चाहते हैं इस साधना में पूर्णता प्राप्त करना चाहते हैं तो सबसे पहले पूर्ण विधान को जान करके मन को एकाग्र करके पूर्ण विश्वास के साथ पूर्ण श्रद्धा के साथ इस साधना को करने का प्रयास करना हैं । 



चलिए अब और अधिक विलंब ना करते हुए चलते हैं साधना के विधान पर जानते हैं किस प्रकार से इसकी साधना करनी है किस प्रकार से इसका विधान है किस दिन से साधना करना है । सबसे पहले जानते हैं किस दिन से इस साधना को आरंभ कर सकते हैं । दोस्तों इस साधना के लिए एकमात्र एक दिन निश्चित है और वह दिन है कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि और शनिवार यानी शनिवार का दिन हो चतुर्दशी तिथि हो और कृष्ण पक्ष हो अर्थात अमावस्या से एक दिन पूर्व इस साधना में संलग्न हो रहा है । जब भी किसी साधना को करें उस देवी के मंदिर में उस देवता के मंदिर में जाकर के साधन की सफलता के लिए निवेदन करना है भोग पेट अर्पण करना है और तत्व प्रसाद साधना में परिवर्तन होना है । तो मां काली के मंदिर में शनिवार के दिन जाना और उनसे निवेदन कीजिए कि आज से मैं साधना को संपन्न करने जा रहा हूं मेरे साधना में सहायता करें । मां की कृपा रही तो निश्चित ही आपको साधना में सफलता प्राप्त होगी और एक बात मैं अक्सर बताता हूं कई बार बता चुका हूं कि जब भी साधना आरंभ करें शुभ योग सिद्ध मुहूर्त के साथ-साथ अपने नाम राशि से चंद्रमा को देखिए । आपका नाम राशि से जब चंद्रमा तीसरे छठे सातवें या 11वें भाव में होगा तो निश्चित ही आपको सफलता प्राप्त हो जाएगी तो यह जरूर देखिए आपकी राशि से आपका नाम से चंद्रमा उस दिन किस राशि में किस भाव में गोचर कर रहे हैं । 



इस साधना के लिए जो स्थान है वह घर का स्थान बिल्कुल नहीं होगा इस साधना को घर में बिल्कुल नहीं करना या तो महाकाली के मंदिर में साधना को संपन्न करना है या फिर किसी शमशान भूमि में ही साधना को संपन्न करना है । साधना के लिए उत्तर मुख करके ही इस साधना को संपन्न किया जाएगा जब मंत्र जाप किया जाएगा तो उत्तर मुख आपका होना चाहिए अर्थात आपका मुख उत्तर में मां काली का जो चित्र आप रखेंगे उसका मुख दक्षिण में होना चाहिए । मां काली के चित्र के साथ-साथ मां काली का यंत्र भी आपको रखना है जो प्राण प्रतिष्ठित हो रुद्राक्ष की या काले हकीक की माला का प्रयोग आपको इसमें करना है । इसके साथ आपको इस साधना के लिए जो सामग्री चाहिए वह होगी आंख की रूई यानी आंकड़े की रूई आंकड़े के अंदर जो रूई निकलती है वह रूई चाहिए, दूसरा है शामली की रूई ,तीसरा है कपास की रूई, और चौथा है रेशम की रूई । अर्थात रेशम का कोई कपड़ा हो उसकी आपको बत्ती बनानी है यानी चार प्रकार की बत्तियां आपको चाहिए ।  एक कपास की, एक रेशम की, एक शामली की,और और एक आंख की । चार प्रकार की रूई कि आपको बत्ती बनानी है और साथ ही इसमें आपको चाहिए पांच नरमुंड । इसीलिए कहा कि साधना बहुत कम लोग संपन्न कर पाते हैं यह साधना अघोरी लोग या तांत्रिक लोग ही कर पाते हैं जिनके घर परिवार से कोई नाता नहीं होता । 



अभी साधना को करने के लिए शनिवार की चतुर्दशी तिथि को आपको या तो मंदिर में या शमशान में अपनी साधना का आरंभ करना है आसन लाल होगा या आसान दो रंग का कोई भी हो सकता है नीला काला रंग नहीं प्रयोग करना । क्योंकि यह अदृश्य होने की शुभ साधना है जब शत्रु मारण की क्रिया की जाती है शत्रु के उच्चारण की क्रिया की जाती है उस प्रकार के कृतियों के लिए आपको लाल आसन या नीला रंग आसान प्रयोग करना चाहिए अन्यथा अन्य कार्यों के लिए मां काली की पूजा में भी लाल रंग का आसान ही श्रेष्ठ माना जाता है । दीपक को प्रचलित करने के लिए हुई आपको बता दी है लेकिन दीपक को प्रदर्शित करने के लिए किसी भी प्रकार का सुगंधित तेल आप प्रयोग कर सकते हैं चमेली का तेल आप इस्तेमाल कर सकते हैं ।  किसी अन्य प्रकार का सुगंधित तेल आपको प्रयोग करना है और इन पांच मंडों में चार बत्ती लगा करके आपको यह काजल तैयार करना है । पांचवें मुंड में भी आपको एक अखंड दीपक रखना है जब दीपक प्रज्वलित होगा उसके ऊपर आपको काजल तैयार करना है और वह काजल ही वह तांत्रिक वस्तु है जो आपको अदृश्य होने में मदद करेंगे और नीचे आपके लिए मंत्र दिया गया है आपको इस रात्रि में 21 माला का जाप करना है । सबसे पहले इन पांचो मंडों से अलग-अलग काजल एकत्रित करना है । प्रश्न उठेगा की पांचवें मुंड में किस प्रकार की बत्ती लगानी है इसमें आप स्वेच्छा से मौली की बत्ती लगा सकते हैं या कपास की ही बत्ती पुणे लगा सकते हैं लेकिन चार बत्तियां अलग-अलग मुंड में लगानी है पांचवा मुंडन मध्य में रखना है और उनमें तेल भरकर के जो की सुगंधित तेल होगा आपको भर के रखना है और पांचो से अलग-अलग काजल तैयार करना है । एक बार में मिलाकर काजल तैयार नहीं करना अलग-अलग काजल तैयार करना है और जब काजल तैयार हो जाएगा सबको अलग-अलग ही रखना है और फिर उसमें से थोड़ा-थोड़ा लेकर के एक जगह एकत्रित करना है और पुनः इस मंत्र का नीचे बताया गया है पांच माला का जब उन्हें करना है किसी चांदी के या तांबे के डब्बे में इस काजल को बनाकर रख लीजिएगा और जब भी आपको अदृश्य होना हो इस काजल को अपनी आंखों में लगाइएगा इस मंत्र का उच्चारण करते हुए निश्चित ही साधक अदृश्य हो जाता है । परंतु यह साधना कठिन है डरावनी है और इसीलिए कहा कि बड़ी सावधानी के साथ इसका प्रयोग करना है संभव हो तो गुरु के निर्देशन में ही साधना को करें कमजोर दिल बिल्कुल भी इस साधना को ना करें ।

प्रभावशाली मंत्र



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