भोजन करने से पहले कैसे करें अन्नपूर्णा मंत्र ? जानिए हमारे साथ ..उससे पहले हमारे वेबसाइट में आपको स्वागतम🙏दोस्तों नमस्कार मैं फिर से एक नया जानकारी लेकर हाजिर हूं और यह जानकारी हम सभी मनुष्य के लिए जहां मनुष्य कड़ी से कड़ी मेहनत करने के बाद अन्न जुगाड़ करते हैं और वही bhojan हमारे जीवन जीने के लिए मूल उद्देश्य होती है । मित्रों अन्न नहीं होने से तो हमारे जीवन चलेगी नहीं इसलिए अन्न को हिंदू धर्म में भगवान रुप भी मानते हैं ।
हिंदू शास्त्र के अनुसार अन्न ग्रहण करने से पहले कुछ नियम होती है जो नियम हमें पालन करना चाहिए जो सभी को पता नहीं है . जिन लोगों को इसके विषय में जानकारी नहीं है आज मैं उन्हें जानकारी देने आया हूं ।
मित्रों अन्न हमारे लिए देवता है जिनके जीवन में अन्न की कमी है उन्हें पता है कितने दुख झेलना पड़ता है । दुनिया में ऐसे भी इंसान है जो कि उनके भंडार में भरपूर अन्न भरा हुआ होते हैं लेकिन उसका मर्यादा नहीं देते हैं । भूख मिटाने के लिए हम सभी अन्य ग्रहण करते हैं और इंसान के लिए सबसे महत्वपूर्ण चीजें हैं अन्न ग्रहण करना है ।
दुनिया में ऐसे बहुत से परिवार हैं जो कि अन्ना के लिए तड़पते हैं जहां उनको दिन में तीन टाइम भोजन होना चाहिए उनको दिन में एक ही बार मिलती है इसका वजह तो हम बता नहीं सकते हैं मगर किस्मत सब अपना अपना बना कर आते हैं ।
इसलिए भोजन ग्रहण करने से पहले हमें अन्न देवता को स्मरण करके श्रद्धा एवं भक्ति करना चाहिए ताकि ऐसी नौबत ना आए हमारे जीवन में ।
एक रिपोर्ट के मुताबिक हमारे हिंदुस्तान में सबसे ज्यादा भोजन नष्ट होता है इसे हम चाहेंगे तो रोक सकते हैं । भोजन अधिक होने से उसे नष्ट ना करके गरीब के अंदर बांट देने से अन्ना देवता उन पर प्रसन्न होते हैं ।
तो मित्रों आइए हम अन्य देवता के मूल मंत्र पड़ेंगे जहां किसी भी प्रकार के अन्न के लिए संकट ना आए ।
इस मंत्र अन्न ग्रहण करने से
पहले जप करिए ।
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ॐ सह नाववतु, सह नौ भुनक्तु, सह वीर्यं करवावहै ।
तेजस्वि नावधीतमस्तु मा विद्विषावहै ॥
ॐ शान्तिः शान्तिः शान्तिः ॥
अन्नपूर्णे सदापूर्णे शंकर प्राण वल्लभे।
ज्ञान वैराग्य सिद्धयर्थ भिखां देहि च पार्वति।।
ब्रह्मार्पणं ब्रह्महविर्ब्रह्माग्नौ ब्रह्मणा हुतम् ।
ब्रह्मैव तेन गन्तव्यं ब्रह्मकर्म समाधिना ।।🙏
यह मंत्रों मां अन्नपूर्णा देवी की है जो व्यक्ति अन्न ग्रहण करने से पहले इस मंत्रों का प्रयोग करते हैं उनके लिए कभी भी भजन के भंडार कम नहीं होगी मां अन्नपूर्णा देवी सदैव उन पर प्रसन्न होती हैं ।
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