ताजमहल की यह है असली रहस्य इसलिए बनाया था शाहजहां

ताज महल का इतिहास



ताज महल का इतिहास

 नमस्कार मित्रों हमारे वेबसाइट में आपका स्वागत है । क्या आप जानना चाहेंगे ताजमहल कितने किसम पत्थर से  निर्माण किया गया था ? कुछ ऐसे ही रहस्य बताने जा रहे हैं बस धर्य रखकर पूरे पोस्ट को पढ़िए ।


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यहां जो कुछ भी जानकारी हम देने जा रहे हैं हमारे ही इस साइट पर मिलेगी बाकी ऐसे जानकारी आपको कहीं नहीं मिलेगी । तो दोस्तों भारतवासी होने के नाते आप तक पहुंचाना हमारे फर्ज भी है और धर्म भी है जो भी छुपाया गया इतिहास उसे उजागर करना ही हमारी उद्देश्य है क्योंकि यह भारत माता की बात है । 

ताजमहल किसने बनाया और किसके लिए बनाया था ? तो चलिए जानते ।

इसका एक बहुत बड़ा कहानी है गूगल में सर्च करने से आपको उसकी संपूर्ण कहानी नहीं मिलेगी ।  कुछ सच को छुपाया गया है वह जो गूगल पर सर्च करने से भी आपको प्राप्त नहीं होगी । आज ताजमहल भारत सरकार की पैसा कमाने का जरिया बन गया है । इसके लिए बहुत ही अच्छा बात है मैं भारत सरकार को धन्यवाद देना चाहते हैं । 

 दरअसल ताजमहल बनवाया था शाहजहां ने अपनी पत्नी मुमताज केलिए क्योंकि पत्नी मुमताज को अपने आंखों में बिठा कर रखे थे उन्हें बहुत प्रेम करते थे । शाहजहां के तो पत्नी कई सारे थी परंतु ममताज को ही सबसे ज्यादा प्रेम करते थे जिसके कारण अपने पत्नी को एक तोहफा के हिसाब से गिफ्ट देना चाहते थे इसलिए एक ऐसा अजूबा निशाने अपने पत्नी के लिए निर्माण किया जहां विश्व में और दूसरी कहीं नहीं बनाया जा सकता है । 

 ताजमहल की खूबसूरती निर्माण के लिए सबसे ज्यादा हिंदुओं की खून पसीने बहाया गया । क्योंकि अपनी मजबूरी के कारण हिंदुओं ने ताजमहल निर्माण के लिए योगदान दिया । मजबूरी यह था कि अगर बादशाह की हुकूम ना सुना जाए तो मृत्यु की दंड दिया जाता था । 

 उस समय शाहजहां एक बादशाह था अपनी मनमर्जी से शासन चलाया करता था उन्होंने जो भी आदेश देते थे वही सभी देशवासी को सुनना पड़ता था । राजा की आदेश पालन ना करने पर उन्हें बहुत बड़ा दंड दिया जाता था जिसके कारण हिंदुओं ने अपने प्राण रक्षा करने के लिए अपने जीवन का ही दांव पर लगा दिया करते थे ।

शाहजहां एक क्रूर राजा थे वे हिंदुओं को  कभी भी अपने भाई जैसे नहीं माना हिंदू पर उनके मन में नफरत भरे हुए थे क्योंकि धर्म जो अलग है । जो भी अपने राज्य में मुश्किल काम होता था यह सब कठिन कार्य हिंदुओं से करवाया करते थे ।


 जब ताजमहल निर्वाण करने की शुरुआत हुई तो बड़े-बड़े पत्थरों के टुकड़े को काटने के लिए हिंदुओं को सबसे पहले लगाया गया था । 

जिसके कारण बहु संख्या में हिंदुओं की मृत्यु हो गई । यह ताजमहल बनाने के लिए 22 साल लगे थे और हजारों की बलिदान हुई जहां सभी हिंदू ही थे । असली बात तो यह है कि उस समय हिंदुस्तान में मुसलमान भी कहा था बस बाहर से कुछ लोग आए हुए थे हिंदुस्तान में बिजनेस के तौर पर और राजाओं के साथ युद्ध करके अपने राज्य हासिल किया था खैर वह सब पुरानी इतिहास बहुत लंबे हैं । और यह बात आपको गूगल पर सर्च करने से कहीं नहीं मिलेगी क्योंकि कुछ ऐसी बात है जहां छुपाया गया है सत्ता के लालसा में कुछ नेता लोग उन क्रूर जैसी राजाओं को हिंदुस्तान में महान बता कर गया । यह सब बातें सबके सामने उजागर होने से आपस में दंगे हो सकती थी जिसके कारण सच्चाई को छुपाया गया है ।

 इतिहास में इसका प्रमाण है और वह इतिहास जहां आपको इंटरनेट में कहीं भी नहीं मिलेगी । और कौन-कौन योगदान देकर इस ताजमहल को खड़ा किया था जानते हैं ।


 इसे बनाने के लिए  विदेशों से कुशल कारीगरों को बुलाया गया था। उनमें से 👉37 दक्ष कारीगर इकट्ठे किए गए, जिनकी देखरेख में करीब बीस हजार मजदूरों ने काम किया। शिल्पकार उस्ताद अहमद लाहौरी इसके निर्माण कार्य के प्रमुख थे। लाहौरी पर्शियन थे और उन्हें ईरान से बुलाया गया था। इसके अलावा पत्थर पर डिजाइन तराशने के लिए मध्य एशिया से कारीगर बुलाए गए थे । ताजमहल 👉फ़ारसी, तुर्क, भारतीय और इस्लामी वास्तुकला का प्रतीक है।


जानिए ताजमहल कितने किसम पत्थरों से निर्माण किया ।


इसके निर्माण में 👉28 किस्म के पत्थरों का प्रयोग किया गया था। ये पत्थर

👉 बगदाद, अफगानिस्तान, तिब्बत, मिश्र, रूस, ईरान आदि कई देशों के अलावा राजस्थान से मंगाए गए थे।

 👉इन पत्थरों का ही कमाल है कि ताजमहल 👉सुबह गुलाबी, दिन में 

👉सफेद और पूर्णिमा की रात को 

👉सुनहरा नजर आता है।

यदि आप इस ताजमहल को नहीं देखा है तो एक बार जरूर जाकर देख लीजिए  ताकि यह ताजमहल हिंदुओं की खून से बना हुआ है भूलना मत और वही आज भारत माता की काम पर आ रहे हैं नाम भले ही शाहजहां की हो रही हैं पर खून तो एक हिंदू का ही है आप सभी को इसके लिए जाना जरूरी है । 

मैं उम्मीद करते हैं कि आपको यह पोस्ट पसंद आया होगा तो दोस्तों अगर हमारे साथ आप  जोड़ना चाहते हैं तो जुड़ सकते हैं धन्यवाद 🙏

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