प्रेगनेंसी में करेला खाना चाहिए या नहीं यह जानना हर महिला के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है

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 प्रेगनेंसी में करेला कितना खाना चाहिए ,और कब खाना चाहिए , केरला खाने से क्या प्रेगनेंसी के दौरान कुछ नुकसान हो सकता है ? यह सब जानकारी प्राप्त के लिए हमारे साथ बने रहिए मित्रों नमस्कार हमारे वेबसाइट में आपका स्वागत है । दोस्तों वैसे तो प्रेग्नेंसी के समय हर महिला के मन उटपटांग खाने की इच्छा करते हैं । सबसे ज्यादा तो प्रेगनेंसी के अवस्था में खट्टा खाने के मन करते हैं और कारवां तो बिल्कुल नहीं । केरला में सबसे अधिक करवा होता हैं लेकिन इनका गुण बहुत ही जबरदस्त है । 




दोस्तों करेला करवा है इसलिए उसे भूनकर खाने से सबसे ज्यादा स्वादिष्ट लगता है और वैसे भी हरे सब्जी के साथ मिलाकर तरकारी बहुत ही अच्छा बनता है । मगर इससे हर कोई खाने को पसंद नहीं करते हैं । लेकिन औषध के रूप में इसे हर कोई उपयोग करते हैं यह करेला खाने से शरीर को पूरी तरह मजबूत करते हैं । क्योंकि इसमें गुणों का भंडार हैं । 


प्रिय मित्रों करेला का उत्पादन बहुत ही कम मात्रा में होता है इसलिए बाजार में इसका भाव हमेशा बने रहते हैं । अगर आप करेला का सेवन बहुत ज्यादा पसंद करते हैं तो बड़ी सावधानी के साथ घर में बनाने के समय इससे अच्छा से धोकर बनाएं । क्योंकि वर्तमान खाद्य पदार्थ देकर करेला के उत्पादन सबसे अधिक हो रहा है इसलिए घर में जब भी करेला के सब्जी बनाएंगे तो इसे अच्छे से धो कर अवश्य बनाएं ।


दोस्तों मैं आप को सरल भाषा में समझाने के प्रयास करेंगे मुझे उम्मीद है कि आप समझ जाएंगे । अगर आप करेला प्रेगनेंसी से पहले खाना पसंद करते थे तो प्रेग्नेंसी के समय इसका मात्रा कम कर दीजिए आप एक से दो बार दोपहर के भोजन के साथ खा सकते हैं । क्योंकि करेला में औषध गुणों में सबसे अधिक पाया जाता है । जिसके कारण डॉक्टर के अनुसार प्रेग्नेंसी के समय कम मात्रा में करेला का सेवन करें । इससे आपके और पेट में पाले हुए बच्चे को नुकसान नहीं होंगे इस में और ज्यादा फायदे होंगे । लेकिन अगर आप करेला अधिक खाएंगे तो पेट में संतान के लिए नुकसानदायक होगा इसलिए इस बात को हमेशा ध्यान में रखते हुए करेला खाना चाहिए । 


प्रिय मित्रों प्रेग्नेंसी के समय करेला खाने के मात्रा सही रखेंगे तो आपके संतान के लिए बहुत ही फायदे होंगे और आपके शरीर में कमजोरी को दूर करेंगे । करेले का अधिक से अधिक सेवन करने से महिलाओं को समय से पूर्व प्रसव भी हो सकता है।

मित्रों ध्यान रखना करेले का अति सेवन पेट से संबंधित परेशानियों का कारण बन सकता है। करेले से दस्त, पेट में ऐंठन और पेट की अन्य समस्याएं बन सकती हैं।

करेले के बीज में पाया जाने वाला विषाक्त पदार्थ आपके संतान के लिए हानिकारक होता है इसलिए गर्भावस्था में करेले के बीज कभी भी सेवन ना करें ।

करेला में रेजिन, कुनैन, सैपोनिक ग्लाइकोसाइड और मोरोडिसिन पाए जाते हैं जिससे हमारे शरीर में जहर फैलाते हैं और गर्भवती महिलाओं में पेट दर्द, मितली और आंखो में कमजोरी, उल्टी, चेहरे पर लालिमा, दस्त, अत्यधिक लार और मांसपेशियों की कमजोरी हो सकती है । प्रिय मित्रों पर यह खतरा तभी पैदा हो सकता है जब आप इसे अधिक से अधिक सेवन करेंगे  । आपको पहले लिख में बता दिया गया कि आप यदि गर्भ के समय करेले के सेवन करेंगे तो हफ्ता में एक से दो बार वह भी दोपहर के भोजन के साथ , करेले का भुजिया खा सकते हैं ।

 प्रिय मित्रों हम यहां आपके लिए जो भी बताया है लेख के जरिए फिर भी आप डॉक्टर से सलाह अवश्य लें । क्योंकि गर्भावस्था में अगर थोड़ा सा भी छुप गया तो पेट में पाले हुए संतान के लिए खतरा बन सकता है इसलिए कृपया करके आप डॉक्टर से सलाह अवश्य लिजिए ।

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