भारत का इतिहास भाग 1 भारत के ऐसे इतिहास हर किसी को पता नहीं है

bholanath biswas
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भारत का इतिहास भाग 1 भारत के ऐसे इतिहास हर किसी को पता नहीं है 

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 भारत का इतिहास क्या है ? जानने के लिए हमारे साथ बने रहिए मित्र नमस्कार हमारे वेबसाइट में आपका स्वागत हैं ।

दूसरे देशों से हमारे भारत देश के इतिहास बहुत क्रिटिकल है । इसे समझने के लिए समय की जरूरत है । खैर आज के दिन में किसके पास इतने समय है। लेकिन जितने बताने जा रहे हैं रिसर्च करने के बाद हम आपको संक्षिप्त से ही बताने की  प्रयास करेंगे पूरे इतिहास को ।


 चलिए जानते हैं भारत का 

इतिहास सच क्या है ?


Bharat का इतिहास कई हजार वर्ष पुराने है। सबसे पहले 67,000 वर्ष आधुनिक मनुष्य, या होमो सेपियन्स, अफ्रीका से भारतीय उपमहाद्वीप में आया था, जहाँ वे सबसे पहले विकसित हुए थे। सबसे पुराना ज्ञात आधुनिक मानव आज से लगभग 33, हजार वर्ष पहले दक्षिण एशिया में रहता है। 6700 ईसा पूर्व के बाद, खाद्य फसलों और जानवरों , स्थायी संरचनाओं का  और कृषि अधिशेष का भण्डारण मेहरगढ़ और अब बलूचिस्तान के अन्य स्थलों में देखा जाता है  ये धीरे-धीरे सिंधु घाटी सभ्यता में डेवलप्ड हुए । भारत एशिया में पहली शहरी संस्कृति हुआ करता था 

।  जो अब पाकिस्तान मौजूद है और पश्चिमी भारत में 2500-1900 ई.पू. के दौरान हुई थी। मेहरगढ़ पुरातात्विक दृष्टि से महत्वपूर्ण स्थान है जहां नवपाषाण युग (7000 ईसा-पूर्व से 2500 ईसा-पूर्व) के बहुत से  मिले हैं। सिन्धु घाटी सभ्यता, जिसका आरम्भ काल लगभग 30 हजार ईसापूर्व से माना जाता है । प्राचीन मिस्र और सुमेर सभ्यता के साथ विश्व की prachinatam सभ्यता में से एक हैं। इस सभ्यता की लिपि अब तक सफलता पूर्वक पढ़ी नहीं जा सकी है। सिन्धु घाटी सभ्यता वर्तमान पाकिस्तान और उससे सटे भारतीय प्रदेशों में फैली हुए थी। प्राचीन प्रमाणों के आधार पर 👉1900 ईसापूर्व के आसपास इस सभ्यता का लगभग पतन हो गया।


👉19वीं शताब्दी के पूर्वजों के अनुसार आर्यों का एक वर्ग भारतीय उप महाद्वीप की सीमाओं पर 👉2000 ईसा पूर्व के आसपास पहुंचा और पहले पंजाब में बस गया और फिर  यहीं ऋग्वेद की ऋचाओं की रचना की गई।

अब बात करते हैं आर्यों द्वारा उत्तर तथा मध्य भारत में एक विकसित सभ्यता का निर्माण किया गया, जिसकी जिकरा वैदिक सभ्यता भी कहते हैं। प्राचीन भारत के इतिहास में वैदिक सभ्यता  जिसका सम्बन्ध जाना जाता है आर्यों के आने से हुआ है। इसका नामकरण आर्यों के प्रारम्भिक साहित्य वेदों के नाम के अनुसार पर किया गया है। आर्यों की भाषा संस्कृत थी और धर्म "वैदिक धर्म" या " sanatan dharam " के नाम से प्रसिद्ध था, उसके बाद विदेशी आक्रान्ताओं द्वारा इस धर्म का नाम हिन्दू पड़ा।


वैदिक सभ्यता sarswati नदी के तटीय क्षेत्र जिसमें आधुनिक भारत के स्थित पंजाब और हरियाणा राज्य आते हैं, में विकसित हुई। आम तौर पर अधिकतर विद्वान वैदिक सभ्यता का काल 2000 ईसा पूर्व से 600 ईसा पूर्व के बीच में मानते है । परन्तु नए पुरातत्त्व उत्खननों से मिले अवशेषों में वैदिक सभ्यता से संबंधित कई अवशेष मिले है जिससे कुछ आधुनिक विद्वान यह मानने लगे हैं कि वैदिक सभ्यता भारत में ही शुरु हुई थी, आर्य भारतीय मूल के ही थे और ऋग्वेद का रचना काल 👉3 हजार वर्ष ईसा पूर्व रहा होगा, क्योंकि आर्यों के भारत में आने का न तो कोई पुरातत्त्व उत्खननों पर अधारित प्रमाण मिला है और न ही डी एन ए अनुसन्धानों से कोई प्रमाण मिला है। हाल ही में भारतीय पुरातत्व परिषद् द्वारा की गयी sarswati नदी की खोज से वैदिक सभ्यता, हड़प्पा सभ्यता और आर्यों के बारे में एक नया दृष्टिकोण सामने आया है। हड़प्पा सभ्यता को सिन्धु-सरस्वती सभ्यता नाम दिया है, क्योंकि हड़प्पा सभ्यता की 👉2600 बस्तियों में से वर्तमान पाकिस्तान में सिन्धु तट पर मात्र 265 बस्तियाँ थीं, जबकि शेष अधिकांश बस्तियाँ sarswati नदी के तट पर मिलती हैं, sarswati एक विशाल नदी थी। पहाड़ों को तोड़ती हुई निकलती थी और मैदानों से होती हुई समुद्र में जाकर विलीन हो जाती थी। इसका वर्णन ऋग्वेद में बार-बार आता है, यह आज से 4 हजार साल पूर्व भूगर्भी बदलाव की वजह से सूख गयी थी।



ईसा पूर्व 👉7वीं और शुरूआती 6वीं शताब्दि सदी में जैन और बौद्ध धर्म सम्प्रदाय लोकप्रिय हुए। अशोक (ईसापूर्व 👉265-241) इस काल का एक महत्वपूर्ण राजा था जिसका साम्राज्य अफगानिस्तान से मणिपुर तक और तक्षशिला से कर्नाटक तक फैल गया था। पर वो सम्पूर्ण दक्षिण तक नहीं जा सका। दक्षिण में चोल सबसे शक्तिशाली निकले। संगम साहित्य की शुरुआत भी दक्षिण में इसी समय हुई। भगवान गौतम बुद्ध के जीवनकाल में, ईसा पूर्व👉 ७ वीं और शुरूआती 👉6 वीं शताब्दी के दौरान सोलह बड़ी शक्तियाँ (महाजनपद) विद्यमान थे। अति महत्‍वपूर्ण गणराज्‍यों में कपिलवस्‍तु के शाक्‍य और वैशाली के लिच्‍छवी गणराज्‍य थे। गणराज्‍यों के अलावा राजतन्त्रीय राज्‍य भी थे, जिनमें से कौशाम्‍बी (वत्‍स), मगध, कोशल, कुरु, पान्चाल, चेदि और अवन्ति महत्‍वपूर्ण थे। इन राज्‍यों का शासन ऐसे शक्तिशाली व्‍यक्तियों के पास था, जिन्‍होंने राज्‍य विस्‍तार और पड़ोसी राज्‍यों को अपने में मिलाने की नीति अपना रखी थी। तथापि गणराज्‍यात्‍मक राज्‍यों के तब भी 👉स्‍पष्‍ट संकेत थे जब राजाओं के अधीन राज्‍यों का विस्‍तार हो रहा था। इसके बाद भारत छोटे-छोटे साम्राज्यों में बंट गया।



👉8वीं सदी में सिन्ध पर अरबों का अधिकार हो गया। यह इस्लाम का प्रवेश माना जाता है। बारहवीं सदी के अन्त तक दिल्ली की गद्दी पर तुर्क दासों का शासन आ गया जिन्होंने अगले कई सालों तक राज किया। दक्षिण में हिन्दू विजयनगर और गोलकुण्डा के राज्य थे। 👉1556 में विजय नगर का पतन हो गया। सन् 

👉1526 में मध्य एशिया से निर्वासित राजकुमार बाबर ने काबुल में पनाह ली और भारत पर आक्रमण किया। उसने मुग़ल वंश की स्थापना की जो अगले 

👉300 वर्षों तक चला। इसी समय दक्षिण-पूर्वी तट से पुर्तगाल का समुद्री व्यापार शुरु हो गया था। बाबर का पोता अकबर धार्मिक सहिष्णुता के लिए विख्यात हुआ। उसने हिन्दुओं पर से जज़िया कर हटा लिया। 👉1659 में औरंगज़ेब ने इसे फिर से लागू कर दिया। औरंगज़ेब ने कश्मीर में तथा अन्य स्थानों पर हिन्दुओं को जबरन यानी तलवार की नोक पर मुसलमान बनवाया। उसी समय केन्द्रीय और दक्षिण भारत में शिवाजी के नेतृत्व में मराठे शक्तिशाली  थे। औरंगज़ेब ने दक्षिण की ओर ध्यान लगाया तो उत्तर में सिखों का उदय हो गया। औरंगज़ेब के मरते ही ( 👉1707) मुगल साम्राज्य बिखर गया। 

अंग्रेज़ों ने डचों, पुर्तगालियों तथा फ्रांसिसियों को भगाकर भारत पर व्यापार का अधिकार सुनिश्चित किया और

 👉1857 के एक विद्रोह को कुचलने के बाद सत्ता पर कब्जा किया। भारत को आज़ादी 👉1947 में मिली जिसमें महात्मा गांधी के अहिंसा आधारित आन्दोलन का योगदान महत्वपूर्ण था। 

👉1947 के बाद से भारत में गणतान्त्रिक शासन लागू हुआ। आज़ादी के समय ही भारत का विभाजन हुआ जिससे पाकिस्तान का जन्म हुआ उसके बाद बांग्लादेश हुए । 





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