बेल का फल ५-१७ सेंटीमीटर व्यास के होते हैं। इनका हल्के हरे रंग का खोल कड़ा व चिकना होता है। पकने पर हरे से सुनहरे पीले रंग का हो जाता है जिसे तोड़ने पर मीठा रेशेदार सुगंधित गूदा निकलता है। इस गूदे में छोटे, बड़े कई बीज होते हैं। बाजार में दो प्रकार के बेल मिलते हैं- छोटे जंगली और बड़े उगाए हुए। दोनों के गुण समान हैं।
जंगलों में फल छोटा व काँटे अधिक तथा उगाए गए फलों में फल बड़ा व काँटे कम होते हैं। बेल का फल अलग से पहचान में आ जाता है। इसकी अनुप्रस्थ काट करने पर यह १०-१५ खण्डों में विभक्त सा लगता है, जिनमें प्रत्येक में ६-१० बीज होते हैं। ये सभी बीज सफेद लुआव से परस्पर जुड़े होते हैं। प्रायः सर्वसुलभ होने से इसमें मिलावट कम होती है। कभी-कभी इसमें गार्मीनिया मेंगोस्टना तथा कैथ के फल मिला दिए जाते हैं, परन्तु इसे काट कर इसकी परीक्षा की जा सकती है। इनकी वीर्य कालावधि लगभग एक वर्ष है।
फल-वात शामक मानते हुए इसे ग्राही गुण के कारण पाचन संस्थान के लिए समर्थ औषधि माना गया है। आयुर्वेद के अनेक औषधीय गुणों एवं योगों में बेल का महत्त्व बताया गया है, परन्तु एकाकी बिल्व, चूर्ण, मूलत्वक्, पत्र स्वरस भी अत्यधिक लाभदायक है। चक्रदत्त बेल को पुरानी पेचिश, दस्तों और बवासीर में बहुत अधिक लाभकारी मानते हैं। बंगसेन एवं भाव प्रकाश ने भी इसे आँतों के रोगों में लाभकारी पाया है। यह आँतों की कार्य क्षमता बढ़ती है, भूख सुधरती है एवं इन्द्रियों को बल मिलता है।
पका हुआ बैल को पानी में घोलकर शरबत बनाकर सुबह सुबह खाली पेट पीने से मिलते हैं अनगणित फायदे ।
👉दस्त और डायरिया की समस्या में भी फायदेमंद आयुर्वेद में बेल के रस को दस्त और डायरिया में बहुत फायदेमंद माना गया है. आप चाहें तो इसे गुड़ या चीनी के साथ मिलाकर पी सकते हैं.
👉ठंडक देने का काम करता है बेल के रस को शहद के साथ मिलाकर पीने से एसिडिटी में राहत मिलती है. अगर आपको मुंह के छाले हो गए हैं तो भी इसका सेवन आपके लिए फायदेमंद रहेगा. गर्मी के लिहाज से ये एक बेहतरीन पेय है. एक ओर जहां ये लू से सुरक्षित रखने में मददगार होता है वहीं शरीर को अंदर से ठंडक देने का काम करता है.
👉 नई मांओं के लिए भी है फायदेमंद अगर आप एक नई मां हैं तो आपके लिए बेल का रस पीना बहुत फायदेमंद रहेगा. ये मां के स्वास्थ्य को बेहतर करने में तो सहायक है ही साथ ही ब्रेस्ट मिल्क प्रोडक्शन को भी बढ़ाता है.
👉कैंसर से बचाव के लिए नियमित रूप से बेल का रस पीने से ब्रेस्ट कैंसर होने की आशंका काफी कम हो जाती है.
👉खून साफ करने में सहायक बेल के रस में कुछ मात्रा गुनगुने पानी की मिला लें. इसमें थोड़ी सी मात्रा में शहद डालें. इस पेय के नियमित सेवन से खून साफ हो जाता है.
बेल के जूस नियमित रूप से यदि आप सुबह सुबह खाली पेट में पिएंग तो आपके पेट में गैस जैसी बीमारी बनने नहीं देंगे हमेशा आप गैस जैसी बीमारियों से दूर रहेंगे ।