एकादशी व्रत में दूध पीना चाहिए या नहीं ? आपके लिए जानना बहुत जरूरी है
एकादशी व्रत में दूध पीना चाहिए कि नहीं शास्त्र क्या कहते हैं चलिए विस्तार से जानते हैं नमस्कार दोस्तों हमारे वेबसाइट में आपका स्वागत है ।जब आप हमारे वेबसाइट में आए गए हैं तो एक से एक नया जानकारी प्राप्त कर सकते हैं हमारे यहां धर्म से लेकर कई प्रकार के जानकारी दिया जाता है हम आशा करते हैं कि यह जानकारी जो भी नीचे बताया गया है अपने आर्टिकल के माध्यम से आपके लिए बहुत ही महत्वपूर्ण होने वाले हैं ।
हिंदू सनातन धर्म में किसी भी पूजा आदि में भक्तों जब उपवास करते हैं तो क्यों करते हैं इसका बहुत बड़ा महत्व है । उपवास का मतलब यह है कि आप निर्जला रहेंगे जब तक भगवान की पूजा संपन्न नहीं होती तब तक आप जल तक स्पर्श नहीं कर सकते हैं । मगर धर्मशास्त्र क्या कहता है धर्म शास्त्र कहता है कि आप के मन सबसे पहले पवित्र रखें । आपके मन अपनी आराध्य के प्रति भक्ति और श्रद्धा रखेंगे तो पूजा हो या एकादशी व्रत सब कुछ ठीक-ठाक से संपन्न होगा । परंतु अपने मन को नियंत्रण करने के लिए आहार नियंत्रण करना बहुत ही जरूरी है । शास्त्र कभी यह नहीं कहता है कि आप बिना खाए भगवान का पूजा अर्चना करो । लेकिन आप खुद पर नियंत्रण तभी कर सकते हैं और भगवान के प्रति निष्ठा भाव से भक्ति तभी कर सकते हैं जब आप अपने आहार पर नियंत्रण रखेगें । परंतु शास्त्र यह कहता है मनुष्य जैसे आहार करेंगे वैसे ही उसका मन का परिस्थिति होगा । मनुष्य का पेट में जब दाना रहते हैं तब उसका मन का परिस्थिति कुछ अलग होते हैं भक्ति भाव से अपनी आराध्य को कभी भी श्रद्धा नहीं कर सकते हैं । लेकिन वही मनुष्य यदि एक दाना नहीं खाएंगे या पूरे दिन निर्जला में रहेंगे तो अपने आराध्य को इतना भक्ति कर सकते है और इतना श्रद्धा कर सकते हैं कि भगवान भी उन पर जल्द प्रसन्न हो जाएंगे और जल्द ही उन्हें कृपा भी करेगें ।
वैसे तो एकादशी व्रत में निर्जला रहना पड़ता है यदि आपके शरीर काम नहीं करता है तो इसमें आप बिल्कुल चिंता मत कीजिए श्री हरि का 3 बार नाम लेकर आप दूध पी सकते हैं इसमें कोई संकोच करने की कोई बात नहीं है ।यदि आप ज्यादा से ज्यादा निर्जला रहेंगे तो यह आपके लिए फायदे होंगे श्री हरि आप पर कृपा करेंगे और बैकुंठ धाम में आप का निवास होंगे । और ऐसे भी बहुत से भक्त हैं जो चाय पीने की बात करते हैं आज हम उन्हें बता देना चाहते हैं कि आप चाय भी पी सकते हैं वह भी गंगा जल से चाय बनाकर । थोड़ा सा शक्कर और आदि चाय पत्ती डालकर गंगा पानी से चाय बनाकर पी सकते हैं लेकिन वह भी कम मात्रा में ।
निर्जला उपवास करना इतना सरल नहीं है बहुत ही कठिन है यदि वक्त अपने भक्ति पर लीन रहते हैं तो उनके लिए भी कुछ भी नहीं है प्रिय मित्रों यदि आप बहुत तिंगल दिन रहेंगे तो यह खान दिन का बात कभी आपके दिमाग पर नहीं आएंगे हमें आशा है आपका भक्ति ही आपके शरीर में शक्ति बनेंगे ।
व्रत के दिन आप श्री हरि का नाम दिन भर ले सुबह उठकर स्नान आदि करके भगवान श्री हरि का ही नाम जप करते रहिएगा इससे आपका मनोकामना जल्द पूरे होने वाले हैं । श्रीहरि का पूजा संपन्न होने के बाद आप फल आदि खाकर पूरे दिन को गुजारे । दूसरे दिन में भी आप शाकाहारी भोजन करें और व्रतों करने से पहले दिन में भी शाकाहारी भोजन करें । यह बातें बहुत भक्तों को पता नहीं है आज हम आपको यह जानकारी भी दे दिया जहां आप का कल्याण हो । औरतों के दिन ज्यादा ऊंची आवाज में बातें नहीं करनी चाहिए जितने हो सके आप सभी के साथ प्रेम से रही है और अपने अरब के प्रति भक्ति श्रद्धा में स्मरण करिए क्योंकि जिसके लिए आप बुरा तो रखे हैं वही आपको उद्धार करेंगे किसी भी तरह का किसी की कुटी कथा से अपना मन को भटकाना नहीं चाहिए । मन में क्रोध अहंकार बिल्कुल नहीं रखना चाहिए इस दिन हो सके गरीबों को दान करें आपका सदैव कल्याण ही कल्याण होगा।
हमें आशा है यहां जो भी आपके लिए जानकारी बताया गया है आप समझ गए होंगे ऐसे ही जानकारी प्राप्त कर लिए आप हमारे साथ बने रहिए ।