भगवान श्रीकृष्ण की मृत्यु कैसे हुआ जानिए सच
हिंदू धर्म के सभी लोगों ने श्री बांसुरिया बजाने वाले कृष्णा मुरली को भगवान मानते हैं । चलिए आज इसकी रहस्यय को जानते हैं ।आश्चर्य बात तो यह है कि भगवान की मृत्यु कैसे हो सकता हैं ? पर यही सत्य है इस पृथ्वी लोक में जिनकी जन्म है उनकी मृत्यु भी है यह युग युग से चले आ रहे हैं ।
पुराणिक कथाओं के अनुसार भगवान विष्णु ने मानव शरीर के जन्म लिया था श्री कृष्ण के रूप में जगत के कल्याण हेतु और यह सिलसिला चले आ रहे हैं लाखों साल पहले से भगवान विष्णु एक बार अवतार नहीं लिया बल्कि बहुत बार अवतार लिया है ।
भगवान विष्णु मानव शरीर में जन्म इसलिए लिया था ताकि मनुष्य के हर पाप को नष्ट कर सकें। भगवान बोलो या अल्लाह बोलो सभी परमात्मा है, और वह परमात्मा जो दूसरे के कल्याण हेतु जन्म लेते हैं इस पृथ्वी लोक में । श्री कृष्णा ने इस पृथ्वी पर ऐसा कार्य किया है कि उन्होंने सभी मानव जाति के कल्याण किया , और मनुष्य का कल्याण के लिए मार्ग दर्शाया ।
श्री कृष्णा की एक-एक बात पर आपके मन भक्ति से भर जाएंगे । उन्होंने मानव जाति के कल्याण के लिए जो कुछ भी प्रयास करना था उन्होंने किया । जिन्होंने मानव जाति को नष्ट करने की सोच रखते थे उनको नष्ट कर दिया । जैसे कि बड़े- बड़े असुरों ने मानव जाति पर आक्रमण करके नष्ट करना चाहा परंतु श्री कृष्ण ने युद्ध से उन्हें वध किया था ।
पृथ्वी लोक में कुछ परमात्मा जन्म लिया था । कुछ परमात्मा ने बताया मैं ईश्वर के पुत्र हूं, तो किसी ने बताया मैं ईश्वर का बंदा हूं, इसलिए उन परमात्माा को मानो उनकी रास्ता पर चलने की प्रयास करो ।
हिंदू शास्त्र में भागवत गीता में भगवान श्रीकृष्ण ने ऐसा कहां की दुनिया में जो कुछ भी होता है वह मेरे इशारे पे होते हैं जन्म, मृत्यु ,दुख, सुख, कष्ट । पूरे ब्रह्मांड मेरे इशारे पे चलते हैं मैं ही ईश्वर हूं और मैं ही मानव हूं उन्होंने छाती ठोक कर कहा है । यह बात तब कहां जब महाभारत में युद्ध आरंभ हुआ था उस समय अपनेे प्रिय मित्र अर्जुन को विश्वरूप भी दिखाया था ।
श्री कृष्ण ने यह भी कहा कि मेरे भागवत गीता उपदेश जो भी पड़ेंगे अगली पीढ़ी के लिए कल्याण होगा । मानव के अंदर शैतान भरे रहने से वह शैतान नष्ट होगी, और इस भागवत गीता पढ़ने के बाद पाप होने से खुद को बचा सकेंगे ।
श्री कृष्णा ने ये भी कहां कि इस धरती पर एक ही चीज अमर है और वह है जन्म और मृत्यु बाकी सभी माया है और कुछ नहीं ।
जानिए भगवान श्री कृष्णा की मृत्यु कैसे हुआ ।
जानें इतिहास क्या कहते हैं गांधारी अपने बेटों की मृत्यु से इतनी दुःखाी हुई कि उसने भगवान कृष्ण को 36 वर्षों के बाद मृत्यु का श्राप दिया था। भगवान कृष्ण मुस्कुराए और स्वयं पर लगा अभिशाप स्वीकार कर लिया। और ठीक इसके 36 वर्षों के बाद उनका अंत एक शिकारी के हाथों से हूए थी । महाभारत समाप्त के बाद एक समय भगवान श्री कृष्ण ने जंगल में विश्राम कर रहे थे और तभी एक शिकारी ने भगवान श्री कृष्ण के भव्य रोशनी देखकर तीर चलाया । उन्होंने सोचा कोई छोटा-मोटा जानवर होगा जिससे मारने के बाद उनके लिए आहार बन सकता है । इसलिए ऐसे वाण चलाया सीधे जाकर भगवान श्री कृष्ण के चरणों में जाकर लागा जहां भगवान श्री कृष्ण की मृत्यु हुई । सिकंदर बादशाह की ये हैं काला सच, जानने के बाद होश उड़ जाएंगे