त्राटक के चमत्कार :
प्राचीन युग में ऋषि मुनि और योगो ने योग साधना के भी कई अलग-अलग मार्ग प्रस्तुत किए हैं प्राचीन काल से ही उपासक अपनी रुचि के अनुसार अपना विषय पसंद करके साधना करते हैं । अष्टांग योग, हठ योग, लाइव योग, सहज योग, ज्ञान योग आदि साधना के प्रमुख विषय हैं । वही त्राटक द्वारा मन और दृष्टि को एकाग्र करके आत्म शक्ति की प्रचंड शक्तियों को जागृत किया जाता है । कोई योगी सूर्य चंद्रदीप ऐसी कोई भी प्रतीक पर त्राटक उपासना करके आत्म शक्ति को जागृत कर सकते हैं इस साधना में कोई भी पूजा मंत्र आदि का विधान नहीं होता है यह शरीर से की जाने वाली एक योग प्रक्रिया है और प्रत्येक व्यक्ति को आत्म शक्ति के साथ अनेक स्वरूप फलदाई होते हैं । दोस्तों नमस्कार हमारे वेबसाइट में आपका स्वागत है अगर आप तीसरी नेत्रों को जागृत करना चाहते हैं तो यह पोस्ट आपके लिए बहुत ही महत्वपूर्ण होने वाले हैं आप हमारे साथ बने रहिए और यह पोस्ट अंत तक पढ़ते रहिए, हमें आशा है आपको बहुत कुछ सीखने को मिलेगी।
त्राटक अर्थात अपने मन को नियंत्रण में रखना उसे भटकने से बचाना दरअसल साधारण अर्थों में यह एक ऐसी साधना है जिसमें साधक अपने मन को बांधकर अपने अंतर्मन को जागृत करता है अर्थात साधक अपने मन को स्थिर कर लेता है । इसके लिए साधक किसी एक ही वस्तु पर अपनी दृष्टि को एकत्रित कर देता है और वह लगातार दीर्घकाल तक उसे देखता रहता है इसी क्रिया को त्राटक कहते हैं । इससे दृष्टि की शक्ति जागृत हो जाती है अर्थात सक्रिय हो जाती है आपकी तीसरी आंख पूर्ण रूप से खुल जाती है और आपको दिव्या दृष्टि की प्राप्ति होती है ।
अब जानते हैं कि आखिर कैसे करें त्राटक साधना यह साधना कई प्रकार से की जा सकती है इसके लिए आप किसी देवता की एक तस्वीर किसी बिंदु दीपक की लोन दीवार पर चिन्ह बनाकर, अथवा किसी दर्पण के सामने बैठकर अपनी प्रकृति पर ध्यान एकत्रित कर इस साधना को कर सकते हैं । अब जानते हैं कि त्राटक करने की सही विधि क्या है ? मित्रों इसके लिए सबसे पहले एक एकांत कमरे जहां किसी भी तरह की कोई आवाज ना हो बंद करके एक आसन बिछाकर बैठ जाएं और अपने पास में एक नरम रुमाल रखें । कमरे में अंधेरा संभव हो तो सबसे उत्तम रहता है आप रात्रि के समय भी इस क्रिया को कर सकते हैं । अब आप अपने सामने दर्पण या दीपक की लो रखें अथवा आप दीवार में एक चिह्न भी बना सकते हैं । अब अगर आप कांच के सामने बैठे हैं तो अपनी भृकुटी पर अपने ज्ञान को केंद्रित करें या दीपक की अथवा दीवार पर बने हुए चिन्ह पर अपनी दृष्टि को केंद्रित करें । लेकिन ध्यान रहे अपने इस साधना के लिए जिस माध्यम का चुनाव किया है वह एकदम आपके नेत्रों के सामने और कम से कम दो फीट की दूरी पर हो । अब बिना पलक झपक उसे माध्यम की ओर ध्यान लगाकर देखें । अभ्यास न होने की वजह से आरंभ में कुछ तकलीफ होगी आंख में पानी भर जाएगा और पलक झपकाने की इच्छा भी करेगी लेकिन जितना संभव हो सके आप पलक को न झपकने दे । आंखों में जलन भी होगी आंख से पानी गिर रहा हो तो नरम रुमाल से उसे हल्के से पूछ ले । अगर ज्यादा जलन हो तो कुछ पलों के लिए आंखें बंद कर लें । लेकिन तुरंत वापस न खोले कुछ देर बाद वापस इसी क्रिया को दोहराएं । प्रारंभ के कुछ दिनों में इस क्रिया को कुछ देर करें फिर इसकी समय सीमा बढ़ाते जाएं । जब इसकी अवधि 10 15 मिनट तक पहुंच जाए तो आप त्राटक करने के बाद आंख बंद कर इस माध्यम को देखने का प्रयत्न करें । कुछ दिनों तक यह आपको अस्थिर नजर आएगा त्राटक की समय सीमा बढ़ाने के साथ-साथ इस माध्यम का कुछ स्थिर होना आरंभ हो जाएगा और आपको महसूस होगा कि एक पीली ज्योति उस माध्यम पर जा रही है । उस वक्त आंखों के मध्य के अगल-बगल आपको पीले रंग का ढाबा भी नजर आ सकता है जो कभी दिखेगा वह और कभी गायब हो जाएगा । जब यह ढाबा आपको त्राटक के समय स्थाई रूप में नजर आए और आपको लगे कि आपकी आंखों से पीली रोशनी निकालकर उसके ऊपर पीला ढाबा बना रही है तब अभ्यास की अवधि और बड़ा दें । अभ्यास बढ़ाने पर पीले रंग के धब्बे के बदले कभी-कभी हल्का लाल या हरा रंग भी दिखाई पड़ सकता है कभी इस धब्बे का रंग नीला या कभी चमकदार भी हो सकता है । जब यह नीले रंग का स्पष्ट नजर आए तब समझना चाहिए कि आपके मन में भी स्थिरता आ गई है । अब आप को नीली रोशनी अपनी आंखों द्वारा दिखाई पड़ने लगेगी और उसके अंदर असाधारण शक्ति समाहित होने लगेगी ।
आप आप अपने योग का समय और स्थान भी निश्चित रखें ,मित्रों तंत्र क्रिया का सम्मोहन वशीकरण इस क्रिया से सर्वथा अलग है जिसे तंत्र मंत्र के द्वारा प्राप्त किया गया हो । लेकिन त्राटक सम्मोहन से सकारात्मक ऊर्जा की प्राप्ति होती है त्राटक का साधन सामने वाले को सम्मोहित करने की ताकत रखता है ।
आखिर त्राटक सिद्धि से लाभ क्या है ?
मित्रों यह साधना करने से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है याददाश्त और मानसिक क्षमता में बढ़ोतरी होती है सधक की एकाग्रता और अधिक बढ़ जाती है । किसी भी कार्य को करने की क्षमता भी काफी हद तक बढ़ जाती हैं । यह साधना सम्मोहन शक्ति को जाग्रत करती है इस साधना के द्वारा बहुत सारी सीढ़ियां की भी प्राप्ति होती है । त्राटक साधना को करने वाला भविष्य दृष्टा बनने लगता है सधक को किसी के भी भूतकाल के संबंध में जानने की शक्ति प्राप्त होने लगती है । इस साधना के द्वारा मनुष्य अपने जीवन को परिवर्तित कर सकता है । इस साधना से विद्यार्थी बहुत लाभान्वित होते हैं । सधक में गंभीरता आती है और सही निर्णय लेने की क्षमता बढ़ती है । इस साधना को करने वाले का चेहरा कांतिमा और व्यक्तित्व आकर्षक हो जाता है इससे एकाग्रता बढ़ती है आंखों से संबंधित सभी रोग दूर होते हैं यह आपके तन और मन दोनों तरह से स्वस्थ रखने में भी मदद करता है । इससे आपकी थकान टेंशन स्ट्रास और सुस्ती दूर होती है । त्राटक योग से आंखों की सारी समस्याएं दूर होती हैं इसे रोजाना करने से आंखें साफ और चमकदार बनती हैं । इससे स्मृति और एकाग्रता भी बढ़ती है यह आंखों के साथ ही हृदय रोगों को भी ठीक करने में मदद करता है । इससे अनिद्रा की समस्या भी ठीक होती है । त्राटक योग करने से दिमाग शांत रहता है अगर आपको भूलने की बीमारी है तो आप कर सकते हैं इससे आपकी भूलने की बीमारी बिल्कुल ठीक हो जाएगी । त्राटक करते समय इन बातों का ध्यान रखें त्राटक योग करते हुए आप जिस वस्तु पर ध्यान केंद्रित करने वाले हैं उसे कम से कम 1 से 2 फुट की दूरी पर बैठे शुरुआत में आप इसे 1 से 3 मिनट तक का अभ्यास कर सकते हैं । इसके बाद आप अपनी क्षमता के अनुसार ध्यान के समय को बढ़ा भी सकते हैं । त्राटक को कभी भी किया जा सकता है लेकिन सुबह और रात का समय इसके लिए सबसे बेहतर होता है । आप जब भी करें एक ही समय पर करें अगर आप इसे सुबह के समय कर रहे हैं तो रोजाना सुबह ही करें तभी आपको इसका फायदा मिल पाएगा । इसमें पलके बिल्कुल नहीं झपकाएं नहीं तो आपका ध्यान भंग हो जाएगा योग करते समय शुरुआत में आपको आंखों में जलन महसूस होगी इसे सहनने की कोशिश करें । तो दोस्तों आशा करते हैं आपको हमारे इस आर्टिकल के मध्य में बहुत कुछ सीखने को मिला अगर आपको और भी जानकारी प्राप्त करना है तो नीचे कमेंट करें और हमारे साथ जुड़ने के लिए फॉलो ही कर सकते हैं ।