बुढ़ापा रोकने के लिए क्या करें ?
लंबे समय तक हम जिएंगे ऐसे जिएंगे कि हम 100 साल तक लेकिन 100 साल तक हम रोगों के साथ बीमारियों के साथ परेशानियों के साथ नहीं बल्कि हम पूर्ण स्वास्थ्य के साथ जिए । यह एक सार्थक प्रार्थना होगी आज की स्थिति आप देखें होंगे कम उम्र में ही व्यक्ति अधिक उम्र का दिखाई देना शुरू हो जाता है, उसे बीमारियां घेर लेती है वह अपने शरीर की क्षमता और ऊर्जा को खोने लगता है ऐसा क्यों हो रहा है इस विषय को आज हम समझेंगे । नमस्कार दोस्तों हमारे वेबसाइट में आपका स्वागत । दोस्तों शायद आपको पता होगा सत,, दपोर, त्रेता युग यह तीनों युग में इंसान 200 वर्ष से लेकर 300 वर्ष तक जिंदा रहते थे । उनका क्या ऐसा आहार था, क्या ऐसा ट्रीटमेंट था जहां इतने लंबे समय तक जिया करते थे ? तो चलिए आज हम आपको अपने आर्टिकल के माध्यम में बताएंगे आपका उम्र थम जाएंगे और उम्र ज्यादा होने पर भी आपको यंग स्टार जैसे देखने को लगेंगे ।
आपको यहां पर कोई आहार नहीं लेना है, कोई औषधि नहीं लेनी है केवल अपनी जीवन शैली में बदलाव और कुछ महत्वपूर्ण नियमों का ध्यान रखना है । हमारे लिए इन नियमों ने विशेष कार्य किया निश्चित रूप से यह आपके लिए भी उपयोगी होंगे बस आपको ठीक से समझना है और एक महीने के पालन में ही आपको इसे विशेष लाभ दिखाई देंगे । तो आगे बढ़ते हैं और समझते हैं हमारे पहले विषय को और वह यह है कि अगर आप कुछ शारीरिक नियमों को धारण करते हैं जीवन शैली में बदलाव लाते हैं तो यह पर्याप्त नहीं होगा आपको ध्यान देना होगा कि आपकी मानसिक स्थिति कैसी है । हमारे शास्त्रों में कहा गया है कि प्रसन्न आप मेंडरिया मन स्वस्थ इत्यादि के स्वास्थ्य क्या है ? जिसका मन प्रसन्न है, जिसकी इंद्रियां स्वस्थ है वही व्यक्ति स्वस्थ होगा । अगर आपका मन ठीक नहीं है, विचार ठीक नहीं है मानसिक रोग है तो ऐसा आपके शरीर का कोई संस्थान नहीं है जिस पर उसका प्रभाव नहीं पड़ेगा आप अपनी यौन क्षमताओं को खोने लगेंगे, आपका पाचन ठीक नहीं रहेगा आपकी श्वसन की जो प्रणाली है वह बिगड़ जाएगी और एक-एक कोशिका आपकी उससे प्रभावित होगी । तो आपको ध्यान देना है कि आप किसी प्रकार की चिंता तनाव परेशानियों में न फंसे । लेकिन यह कह देना मात्रा पर्याप्त नहीं होगा परेशानियां क्यों आती है इसको आप समझ ले । परेशानियां आती है गलत आचरण से, परेशानियां आती है आपके व्यसन इंद्रियों के व्यसन जो होते हैं उनसे तो आप अगर सदाचारी हो जाते हैं अगर आप सही नियम से चलते हैं जीवन में तमोगुण वृत्तियों को छोड़कर के सात्विकता की तरफ बढ़ते हैं तो जीवन में कोई समस्या नहीं आएगी ।
गलत कामों को छोड़ना होगा, गलत क्रियो को, वासनाओं को छोड़ना होगा तभी आप मानसिक स्तर पर शांत अनुभव कर सकते हैं । क्योंकि अगर आप कोई भी भोग भोगते हैं तो क्षणिक सुख दिखाई दे सकता है लेकिन उसके बाद विषाद परेशानियां डिप्रेशन और आपको मानसिक अनेक स्थितियों से गुजरना पड़ता है । तो जो हमारा पहला विषय है आचरण ठीक होना चाहिए, मनोभाव ठीक होने चाहिए, इंद्रियों पर नियंत्रण होना चाहिए । प्रभु का नाम ले भक्ति के मार्ग पर आगे बढ़े निश्चित रूप से आपको एक विशेष शांति का अनुभव होगा ।
दोस्तों एक बार हम एक व्यक्ति के पास रुके हुए थे तो वह अपनी कुछ शारीरिक समस्याएं हमसे बताने लगा उसको पाचन से संबंधित बहुत अधिक समस्या थी उसका भजन ठीक से हजम नहीं होता था, गैस की पित्त की समस्या उसे बहुत ज्यादा बनी रहती थी तो हमने उसे जीवन शैली के कुछ नियम बताएं दूसरी चीज बताएं कुछ आहार के नियम बताएं जिससे कि स्वाभाविक रूप से लाभ भी होता है । लेकिन हर विषय को हम एकदम से नहीं समझ सकते कि क्या वह गड़बड़ कर रहा है कहां वह त्रुटि कर रहा है कुछ समय बाद हम उसके साथ भोजन करने लगे तो भोजन हमने साथ में ही किया और भोजन करने के बाद उस व्यक्ति ने ठंडा जल मंगाया ठंडे जल का उसने एक गिलास पूरा भर के मंगाई हम उसे देख रहे थे तब हमने उसे कुछ नहीं कहा और उसने भोजन करने के बाद वह ठंडा पानी पीना शुरू किया और वह एक गिलास पानी पी गया तब हमने उसे कहा कि आपने क्या किया उसने कहा कि मैं पानी पिया मैंने कहा कि आपने अपनी नहीं पिया है आपने जहर पिया है । क्योंकि हमारे आयुर्वेद शास्त्रों में भी कहा गया है कि भोजन ने चमरत्मवारी भोजन से विश्व प्रथम के अगर आप भोजन करने से 40 मिनट पहले पानी पीते हैं तो वह अपनी बिल्कुल ठीक है कोई समस्या नहीं है भोजन करते हुए कम मात्रा में कुछ घूंट पानी की आप लेते हैं तो वह अच्छा है बुरा नहीं है क्योंकि जो आहार की रुकता होती है उसे वह समाप्त होती है । बीच में भोजन के कुछ घूंट पानी पिया जा सकता है इसमें कोई बाधा नहीं लेकिन भोजन से प्रथम अगर भोजन करने के बाद आप पानी पीते हैं तो यह विष के समान कार्य करेगा । क्योंकि आप समझे कि आपकी जो अग्नि है शरीर में काम करती है उसके ऊपर आपने पानी डाल दिया आप बाहर भी देखें अग्नि काम कर रही है आप चूल्हा जला रहे हैं भोजन पका रहे हैं एकदम से जल डाल देंगे तो अग्नि बुझ जाएगी । इसी प्रकार से जठर अग्नि आपके शरीर में जो काम करती है पहले तो पानी और ऊपर से ठंडा पानी अगर भोजन के बाद पी रहे हैं तो कितना गलत आप अपने शरीर के साथ कर रहे हैं । उस व्यक्ति को वह बात समझ में आई उसने उस चीज को थोड़े दिन तक निभाया और कुछ ही समय में जो उसे समस्याएं आ रही थी उसमें विशेष लाभ प्राप्त हुए यह हमारा दूसरा नियम है ।
तीसरे स्थान पर हमारे शास्त्रों में कहा गया है कि अल्प गुप्ता बहू गुप्ता के जो व्यक्ति कम मात्रा में भोजन करेगा वह अधिक समय तक भोजन कर सकेगा इसका क्या अर्थ है यानी कि उसकी आयु अधिक होगी । अगर वह ज्यादा पेट भर के खाता है तो भले ही वह अच्छा भोजन खा रहा है सात्विक भोजन खा रहा है लेकिन सात्विक भोजन के भी शरीर पर प्रभाव क्या होंगे तामसिक प्रभाव होंगे । क्योंकि बात यह है कि अंत तो गत्वा जो पेट में भोजन जा रहा है उसकी स्थिति क्या बना रही है अब आपकी क्षमता है आपकी इच्छा है दो रोटी खाने की आपने खाई चार रोटी तो शरीर में जाकर के वह बहुत ज्यादा भारी हो जाती है फिर वहां पर उतने पाचक रस नहीं निकलते हैं जितना उसे भोजन को पचाने के लिए चाहिए । फिर वह भोजन अधिक समय तक पेट में रुकता है और जितने समय तक वह अधिक पेट में रखेगा उतना वहां पर विषाक्त पैदा करने शुरू कर देता है थोड़ी मात्रा में भी अगर विष बन जाता है । तो आप उसे ऐसे समझे जैसे कि आप दूध से दही बनाते हैं तो आप दूध में दो-तीन बूंद डाल देते हैं जो माठा होता है उसकी और पूरा दूध दही के रूप में आपको प्राप्त होता है । क्योंकि वह जो बैक्टीरिया थे वह पूरे में फैल जाते हैं इसी प्रकार से अगर थोड़ी विषाक्त भी पाचन तंत्र में कहीं बनती है तो फिर वह अधिक अधिक बनती चली जाती है । तो इसका साफ रहना जरूरी है इसके स्थान पर आप अगर कम मात्रा में भोजन करते हैं तो आप समझे कि कभी अपने अपत्य यानी कि जो आपके लिए ठीक नहीं है ऐसा भोजन भी कर लिया आपको वह हानि नहीं करेगा कुछ प्रभाव तो होगा लेकिन विशेष हानि नहीं । क्योंकि मात्र ठीक थी आपका शरीर उसे बचा लेगा कभी भी ध्यान रखें भले ही अच्छा सात्विक भोजन है लेकिन इच्छा मात्र से थोड़ा कम मात्र के जितना भी नहीं उससे थोड़ा सा कम आप भोजन लेंगे आप हल्का अनुभव करेंगे आप अच्छा अनुभव करेंगे, तामसिकता नहीं होगी, अलसी नहीं होगा हमारे विद्यार्थियों के लिए यह नियम अत्यंत महत्वपूर्ण है ।
चौथे स्थान पर समझे कि आपको अपने सोने का उठने का और भोजन का समय हमेशा एक रखना है इस पर अक्सर व्यक्ति ध्यान नहीं देता । कभी वह 10:00 बजे सो रहा है कभी वह 11:00 बजे कभी 12:00 बजे और कभी उठने में वह 6:00 बजे उठना है कभी 7:00 बजे कभी 8:00 बजे एक समय नहीं है यह बहुत ज्यादा गलत हो जाता है । यूं तो आपको सही समय पर रात्रि में 9 से 10 बजे के बीच सो जाना है और सुबह आपको ब्रह्म मुहूर्त में लगभग 4:00बजे उठना है । \ लेकिन एक समय पर लाकर के अपनी स्थिति को रखें आपको पक्का नियम बना लेना है कि मैं 4:00 बजे उठता हूं तो आपके शरीर को उस प्रकार से फिर ढलने में सुविधा होगी आपकी जो बॉडी क्लॉक है वह उसी हिसाब से चलेगी जो मनु का निष्कासन की प्रक्रिया है सो आदि से निवृत होने की प्रक्रिया है वह ठीक हो जाएगी । अगर व्यक्ति कभी किसी समय पर सो रहा है कभी किसी समय पर उठ रहा है तो उसे कांसेपशियन की समस्या निश्चित रूप से होगी और जब यह कब्ज की समस्या होती है तो वायु बढ़ती है । क्योंकि आपके इंटेस्टाइन में मल रुकता है तो वहां पर सदन होती है उसे ब्लोटिंग होती है वायु बनती है और जो यह वायु बनती है शरीर में यह आपकी स्क्रीन के ऊपर भी प्रभाव डालती है । क्योंकि जैसे हवा बाहरी स्तर पर भी चीजों को सुख देती है तो जो यह आंतरिक वायु होती है यह जो स्क्रीन होती है उसमें रूखापन लेकर के आती है चेहरा बेजान होना शुरू हो जाता है अनेक प्रभाव देखने को मिलते हैं यह भी एजिंग का कारण होता है । तो आपको सोने का उठने का समय एक रखना है । साथ ही साथ भोजन का समय एक रखना है । इस नियम से आपको बड़े अच्छे लाभ होंगे पक्का समझ ले और इस पर कार्य करना शुरू करें ।
पांचवें स्थान पर आपको चाय कॉफी और स्मोकिंग यानी कि जो धूम्रपान करते हैं व्यक्ति इन चीजों से बिल्कुल दूर रहना है क्योंकि जो धूम्रपान करते हैं आप समझे कि उनकी जो सेल रिजर्वेशन की एक प्रणाली है वह बिगड़ जाती है । यानी कि जो उनके सेल्स है वह ठीक प्रकार से रीजेनरेट नहीं होते इससे भी बुढ़ापा दिखाना शुरू हो जाता है । क्योंकि स्किन सेल्स के ऊपर बहुत ज्यादा नुकसान पहुंचाने वाली स्थिति होती है तो जो भी व्यक्ति स्मोक करते हैं जो भी निकोटिन का जो यह आपके शरीर पर प्रभाव होता है यह पूरे शरीर पर वह तो इससे बिगड़ती ही है । आपको बिल्कुल धूम्रपान नहीं करना है ध्यान रखना है साथ ही साथ चाय कॉफी और वह भी कैसा अनर्थ करते हैं । शरीर के साथ के आप अभी उठे हैं बिल्कुल आपने कुछ ग्रहण नहीं किया कहीं लोग पानी भी नहीं पीते और ऊपर से चाय कॉफी शुरू कर देते हैं । आपको पता होना चाहिए कि यह बहुत एसिडिक होती है यह पित्त को बढ़ाने वाली होती है और इसका प्रभाव ऐसा है कि शरीर में जाकर के आपके जो पेट की ऊपर की लाइनिंग होती है उसको खराब करती है दीवारों पर नुकसान पहुंचती है अल्सर जैसी स्थितियां बनती है । जो बहुत चाय का प्रयोग करेगा कॉफी का प्रयोग करेगा तो आपको इन चीजों को छोड़ना है । अगर आपको लेना ही है तो आप आयुर्वेदिक पेज जो आती है आयुर्वेदिक चाय कहते हैं लेकिन उसमें चाय जैसा कुछ भी नहीं होता वह आयुर्वेदिक जड़ी बूटियां का ही एक योग होता है आप उसको ले सकते हैं । वह स्वास्थ्य के लिए अच्छा ही है कोई समस्या नहीं है लेकिन आपको चाय कॉफी और धूम्रपान जैसी स्थितियां यह सब छोड़ देना है । तो आप इन नियमों को समझे पहले बताए गए मार्गदर्शन को आप देखें और ब्रह्मचर्य का पालन करें ब्रह्मचर्य की ऊर्जा जब आपके शरीर में रक्षित होती है तो जो मानसिक बौद्धिक प्रभाव होते हैं जीवन में सात्विकता आती है खुशी आती है प्रसन्नता आती है शांत रहता है मन का प्रभाव भी आपकी एजिंग पर और आपके स्वास्थ्य पर पड़ता है । और जब आप ब्रह्मचर्य रूपी ऊर्जा को रक्षित करके रखते हैं तो ओजस का निर्माण होता है भले ही कोई सिद्धांत आधुनिक सिद्धांत कुछ भी कहे लेकिन आयुर्वेद के सिद्धांत हमारे योगिया ब्रह्मचारियों के सिद्धांत और अपने जीवन के अनुभव से कहें तो प्रभाव पड़ता है । ब्रह्मचर्य आपके लिए संजीवनी के समान उपयोगी है कभी भी अपने इस धातु का छेना होने दे चाहे वह पुरुष है चाहे वह स्त्री है सभी के लिए यह समान रूप से उपयोगी है तो कुछ समय भी आप देखेंगे तो आपको स्वयं अनुभव हो जाएगा फिर आप उसे अनुभव के आधार पर अपने आप ही उस नियम को निभाने के लिए निश्चित रूप से प्रेरित होंगे । तो ब्रह्मचर्य का पालन सभी को करना है यह एक दृढ़ नियम बना ले अपने जीवन में तो यह हमारी ओर से आपके लिए एक प्रेरणा थी जिस पर हमारे अनेक मित्रों चले हैं । उन्होंने अपने जीवन में लाभ लिए हैं हमने खुद प्रभाव देखे अपने जीवन में आपके साथ भी हमने सझा किया सरल नियम है बहुत कठिन नहीं लेकिन जीवन में धारण करेंगे लाभ तभी होंगे ठीक से अपने अपेक्षा है समझ लिया होगा और आप जीवन में प्रयोग करके लाभ भी लेंगे आज के लिए यही मार्गदर्शन था भविष्य में अन्य महत्वपूर्ण विषयों पर मार्गदर्शन होता रहेगा सभी के लिए प्रार्थना सभी के लिए मंगल कामना आज के लिए इतना हीओम नमः शिवाय । दोस्तों यह आर्टिकल कैसे लगा कमेंट करके जरूर बताइए ।