मृत्यु के बाद सच क्या है शरीर छूटने के बाद हमारे आत्मा का साथ क्या होता है यही सब जानकारी प्राप्त केलिए हमारे साथ बने रहिए मित्र नमस्कार हमारे वेबसाइट में आपका स्वागतम ।
आज हम कुछ ऐसी बातें बताएंगे जिससे सभी को इस बात को जानना चाहिए । शायद आप जानते हैं कि इस पृथ्वी लोक में मनुष्य से बड़ा बुद्धि और किसी प्राणी में नहीं है । मनुष्य चाहे कुछ भी कर सकते हैं और ऐसे ही वर्तमान युग में हो रही है । लेकिन मनुष्य की बुद्धि तो है मगर अधिकांश लोगों के भीतर ज्ञान नहीं है जिसके कारण हम अपने ही कर्म से कुछ गलत कर बैठते हैं और वही भूल के परिणाम हमें बाद में भुगतना पड़ता है ।
आज वर्तमान लोग इतना टेक्नोलॉजी के पीछे भागने लगे कि मनुष्य के धर्म बोलकर धीरे धीरे कम होते जा रहे हैं । बड़ी दुख की बात तो यह है कि धार्मिक ज्ञान अधिकांश लोगों के भीतर मिलेगी नहीं । कुछ लोग हैं जो धर्म के विषय में जानने की इच्छा रखते हैं और अधिकांश लोग धर्म के विषय में जानने की इच्छा तो रखते नहीं है और ना ही अपने कर्म के विषय में जानना चाहते हैं । खैर यह सभी अपना अपना रुचि है । मनुष्य के सोच और भावनाएं बदलने से युग की परिवर्तन हुआ है । जिसके कारण आप तो देख ही रहे हैं कि किस तरह से पाप बढ़ते जा रहा है ।
तो चली मित्रों समय बर्बाद ना कर के असली बातें जानने की प्रयास करेंगे ।
भगवत गीता के अनुसार मनुष्य की आत्मा अमर है इसकी विनाश नहीं है जो ईश्वर ने बनाया है आत्मा चिरंतन है सदैव ईश्वर की साया में रहते हैं । मनुष्य के आत्मा को देखभाल करने के लिए परमात्मा होता हैं । परमात्मा मनुष्य के पिता समान है । मनुष्य जो कुछ भी कर्म करते हैं उनकी आत्मा पर फल प्राप्त होती हैं । मनुष्य जिस प्रकार कर्म करेंगे उसी प्रकार उसे फल दिया जाता है और यह सब निर्धारित करते हैं परमात्मा । मनुष्य की आत्मा कभी भी एक जगह स्थिर नहीं रहते हैं वह सदैव जागृत रहते हैं आत्मा कभी गुनगुनाते हैं , कभी हंसते हैं तो कभी रोते हैं । आत्मा मनुष्य के शरीर को कंट्रोल करते हैं । मनुष्य अपने कर्म करते रहते हैं । मनुष्य जो कुछ भी कर्म करते हैं उसकी फल उसकी किस्मत में लिखा जाता है और यह भी निर्धारित करते हैं परमात्मा ।
आप जैसे कर्म करेंगे उसके साथ-साथ फल आपके किस्मत में लिखा जाता हैं । कर्म के फल कब मिलेंगे इसके निर्धारित टाइम नहीं होती , बस समय पर ही फल प्राप्त होता है । लोग कहते हैं कि मनुष्य मरने के बाद कुछ भी नहीं होता पर यह बात गलत है । आत्मा अमर है चिरंजीवी है इसकी कभी भी मौत नहीं होती है । मनुष्य के मृत्यु के बाद आत्मा दूसरे शरीर पर प्रवेश करते हैं ।
मनुष्यों किस कर्म से कौन सा शरीर धारण करते हैं ?
व्यक्ति के व्यवहार पर निर्धारित होता है उसका अगले जन्म में किस योनि में जन्म होने वाले हैं यदि कोई मनुष्य एक पशु की तरह व्यवहार करें तो अगले जन्म में उन्हें उसी पशु का शरीर प्राप्त होगा । मनुष्य के कर्म पर निर्धारित होता है उसका जन्म ।
जो व्यक्ति इस पृथ्वी लोक में मनुष्य की तरह व्यवहार करते हैं ईश्वर के प्रति भक्ति रखते हैं उनके अगले जन्म में मनुष्य का ही शरीर मिलने वाले हैं । मनुष्य मतलब यह है जिसकी मान एवं होश है वही है मनुष्य ।
दोनों ही जीव और दोनों का ही प्राण है यानी पशु एवं मनुष्य का आत्मा एक ही है शरीर अलग-अलग है । हम जो भी कर्म करते हैं उस कर्म के प्रभाव से हमारे आत्मा का परिवर्तन हो जाता है । जिसके कारण आने वाले समय में कीस योनि में जन्म होंगे यह हमारे कर्म पर निर्धारित होता है ।
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